Wednesday, November 9, 2011

फिर लौट आई जिन्दगी ...!!!!

आज तुम्हारा ख़त मिला 
जिस में  तुम ने पूछा 
के अब हालत कैसे है 
मेरे दिन रात कैसे है 
क्या कहू ..
के न दिन है न अब ये रात 
पर हाँ 
इतने सालो बाद 
फिर वही आप का स्पर्श 
मुझे इस ख़त के साथ 
मिल गया 
फिर लौट आई जिन्दगी 


पलक 


Thursday, August 18, 2011

लगा चुनरी मैं दाग ...छुपाऊ कैसे .... ..!!!


कितनी प्यारी 
कितनी रंगीन 
कांच की चूड़ी जैसे एक लड़की 
तनहा बैठी अपने ही खयालो मैं गूम सी 
जाने किस खयालो से झगडती ..
उस का हाथ कलाई पर था 
और वो कुछ कुछ खौफजादा थी 
सोचती हुए 
के अब क्या होगा..?
मै भी उस के पास ही बैठा
पुछा कुछ डर कर 
क्या किस्सा  है  ??
उस की आखें भीग गई..
और बोली सहेम कर
देखो मुझे 
"जो तेरी सुंदर कांच की चूड़ी थी
वो टूट गई "



Wednesday, August 17, 2011

क्योंकि तुम मेरे पास जो हो ...



उस ने  कहा कुछ बातें कर ले....
मैंने कहा
                   - क्यों आज इजाजत ले रहे हो 
उस ने  कहा.....
                  -अच्छा अगर जो मैं ना होता तो क्या होता ?
मैंने कहा.......
                  -तो मैं भी ना होती ।
उस ने पूछा ...
                  -वो क्यों ?
मैंने कहा.......
                  -क्योंकि जब तुम्हारा होना तय हुआ होगा तो मेरा होना भी तय हो गया होगा ।
वो मुस्कुरा कर बोला....
                   -तुम बातें बहुत बनाती हो ।
मैं  हसते हुए बोली ....
                   -जानती हूँ ।
वो चोंक का पूछ बैठा ...
                   -वो कैसे ?
मैंने शरमाते हुए  बोली..
                   -क्योंकि तुम मेरे पास जो हो ।


meri ek post per mere dost ne bahot hi acchi comment di thi....maine use toda sa edit kar ke yaha dubara post kiya hai.. muje wo comment itni acchi lagi ki maine yaha post karny ki gustakhi kar li....
thanks for ur comment pearl...


Palak ...

वो और मैं .....!!!!



एक बार सुनो
कुछ ऐसा हुआ
वो मुझे मिला
मैं उसे मिली.
आखें मिली..
ख़ामोशी ने बाते की..
इज़हार हुआ 
इकरार हुआ
वो चाहने लगा
मैं चाहने लगी
उसे प्यार था बहोत
मुझे एतबार था बहोत
फिर कुछ यु हुआ
वो  छोड़  गया
मैं टूट गई  
वक़्त ने रफ़्तार ली
फिर कुछ यु मिले
वो अकेला था
मैं तन्हा थी
बस हम दोनों थे
और कौई न था
वो रोने लगा
मैं बेबस रही 
ना प्यार ना ही इज़हार रहा
बस फर्क सिर्फ इतना था
वो मिटटी के उपर रोता रहा
मैं मिटटी के अंदर रोती रही ....










Sunday, August 7, 2011

Happy friendship Day .....













पिछले प्रहर की रात थी 
तन्हाई और तेरी याद थी 
वही कही से चाँद आ गया सिराहने तक 
पूछने लगा 
जिन्दगी कैसी है ..? 
मैंने कहा कोई खास नहीं 
वही हस कर फिर से पुछा 
क्या चाहते हो ..?
मैंने कहा कोई चाहत नहीं 
कोई आस नहीं 
वही फिर मुस्कुराया और पुछा 
कभी प्यार किया है ..?
मैंने कहा कुछ याद तोह नहीं 
फिर नज़ारे चुराते बोला 
कही धोका को नहीं दमन मैं ?
मैंने कहा ऐसे कोई बात नहीं 
चाँद बोला 
तोह फिर तुम से एक बात कहू 
मैंने कहा कोई एतराज़ नहीं 
तोह बोला 
तुम ने भी ता  उम्र प्यार किया है 
और आज वो साथ नहीं 
मैंने कुछ न कहा बस 
हस कर कहा 
तुम्हारी चांदनी भी तो तुम्हारे साथ नहीं 
आज कही अमवस्या तो नहीं ....



Saturday, August 6, 2011

अनोखा प्यार....


चलो तुम  साथ  मत  देना  
मुझे  बेशक  भुला  देना 
नए  सपने  सजा  लेना 
नए रिश्ते बना लेना  
भुला देना सभी वादे 
सभी कसमे ..सभी नाते ..
मगर 
अब तुम किसी से भी 
ऐसा अनोखा प्यार मत करना

Thursday, August 4, 2011

"कितनी महोब्बत है तुम से "

कब से कहने की हिम्मत जुटा रहे है 
के तुम से इज़हारे महोब्बत कर ले 
पर  न जाने आज ऐसा क्या हुआ 
के दिल ने कहा की 
कह ही दू आज 



जब किताब के पन्नो की सफेदी 
तुम्हारे चेहरे पर छलकती है 
दिल कही रुक सा जाता है 

जब हसी की एक ठंडी लहर 
मेरे कानो मई गूंजती है 
वक़्त कही थम सा जाता है 

ना जाने आज ऐसा क्या हुआ 
दिल ने कहा 
की कह दू आज 
"कितनी महोब्बत है तुम से "

Friday, July 8, 2011


मासूम महोब्बत का बस इतना सा फ़साना है
रेत की हवेली है ..बारिश का अफसाना है
क्या शर्त -ऐ-महोब्बत है
क्या शर्त-ऐ-ज़माना है
आवाज़ भी ज़ख़्मी है और गीत भी गुनगुनाना है
उस पार उतेरने की उम्मीद बहोत कम है
कश्ती भी पुरानी है और तूफान को भी आना है
समजे या ना समजे वो अंदाज़ महोब्बत का
एक शक्स को अखो से एक शेर सुनना है
भोली सी अदा
कोई फिर इश्क की जिद पर है

फिर आग का दरिया है और डूब कर जाना है

Tuesday, June 14, 2011




वो ना आये पर उनकी याद आकर वफ़ा कर गयी,
रही तमना हर वक़्त मिलने की मेरे अमन सुकून तबाह कर गयी,
दर पर आहट सुनी कई बार सोचा असर दुआ कर गयी,
दरवाज़ा खोला तो कोई नहीं था मजाक हमारे साथ हवा कर गयी

फिर मिलना उसका....




ज़िन्दगी में, मिल गया फिर वो,
एक रात की बात थी
कुछ कह नहीं पाए हम
वक़्त की बात थी
आँखों से आसू बरसते रहे
जस्बात की बात थी
कुछ ना कहा कर भी, सब कह गया वोह,
अंदाज़ की बात थी ..
चाह कर भी ना रोक सके उसे हम,
हालत की बात थी
वो किसी और का था
किस्मत की बात थी
यह कहना ना किसी से तुम
राज़ की बात है



Saturday, April 30, 2011

वफ़ा ...!!!!!!




तुम मुझे मौक़ा


तोह दो ऐतबार बन’ने
का
थक जाओगे चाहते चाहते


मेरी वफ़ा के
साथ !!!

Sunday, March 6, 2011

महोब्बत ठहर जाती है..!!


हम अक्सर यह समझते हैं
जिसे हम प्यार करते है
उसे हम भूल बैठे हैं
मगर ऐसा नहीं होता
मोहब्बत धीमी आग है
महोब्बत ठहर जाती है !!!

हमारी रूह मै कही
मोहब्बत बैठ जाती है
भूलना चाहते है
मगर यह कम नहीं होती
किसी भी दुःख की सूरत में
कभी कोई ज़रुरत में
कभी अनजान से ग़म में
कभी लहजे की ठंडक में
उदासी की ज़रुरत में
कभी बारिश की सूरत में
हमारी आँख की नमी मै

कभी सपनो की किरच मै
कभी कतरे की सूरत में
वो आ ही जाती है
कभी ऐसा लगता है
उसे हम भूल बैठे हैं
मगर ऐसा नहीं होता ...
मगर ऐसा नहीं होता....
यह हरगिज़ कम नहीं होती...
महोब्बत ठहर जाती ....

Friday, March 4, 2011


ता क़यामत सोचकर देखा
तेरा चेहरा फिर अगर में देख लू

बस एक बार ..
शुक्र करते करते बाकि ज़िन्दगी कर दूँ में गुज़र ..

WISH



ए मुहोब्बत में तेरी अदा'ओं से हु परेशां
जिसे इतना चाहा उसे ही पाने की ख्वाहिश नहीं ..



तेरी सिर्फ एक ही बात
मुझे ज्यादा याद आती है .....



तेरा यह कहना ,
तुम मेरे होना चाहते हो ...

Saturday, February 19, 2011


कौन कहता है वो मेरे बगैर तन्हा होगा
वो अक चिराग है कही और जलता होगा

यह तो हम हैं एक सुकून सी जील
पर वो तो एक बिखरा हुआ एक दरिया होगा
वो तो रहता होगा बेखबर से जूनून मैं
उसे क्या खबर कोई उसे सोचता होगा


वो मेरे दर्द से बे खबर नहीं था मगर
उस दुःख बाटने का ना सलीका आता होगा

इतना नादान नहीं के समाज भी ना सके
उसी का जिक्र मेरी हर ग़ज़ल मैं हुआ होगा

मैं ने उसे चाह तो चाहती ही गई
मेरी शिद्दतो से घबरा कर वो चल दिया होगा


Thursday, February 10, 2011


न मिला दिल का कदरदान इस ज़माने में,
यह शीशा टूट गया है देखने और दिखने में,
जी में आता है एक रोज़ शमा से पूछू ,
मज़ा किस में है, जलने में या जलाने में.

Friday, February 4, 2011

रिश्ते ....!!!!!!


अक्सर रिश्तों को रोते हुए देखा है,
अपनों की ही बाँहो में मरते हुए देखा है
टूटते, बिखरते; सिसकते,कसकते
रिश्तों का यही है इतिहास,
जो दिल पे लिखा है बेहिसाब !
प्यार की आँच में पक कर पक्के होते जो,
वे कब कौन सी आग में झुलसते चले जाते हैं,
झुलसते चले जाते हैं और राख हो जाते हैं !
क्या वे नियति से नियत घड़िया लिखा कर लाते हैं ?
कौन सी कमी कहाँ रह जाती है कि वे अस्तित्वहीन हो जाते हैं,
या एक अरसे की पूर्ण जिन्दगी जी कर,
वे अपने अन्तिम मुकाम पर पहुँच जाते हैं!
मैंने देखे हैं कुछ रिश्ते धन-दौलत पर टिके होते हैं,
कुछ चालबाजों से लुटे होते हैं
गहरा धोखा खाए होते हैं
कुछ आँसुओं से खारे और नम हुए होते हैं,
कुछ रिश्ते पुराने रिश्तो की कब्र पर बने होते हैं,
जो कभी पनपते नहीं, बहुत समय तक जीते नहीं
दुर्भाग्य और दुखों के तूफान से बचते नहीं!
स्वार्थ पर बनें रिश्ते बुलबुले की तरह होते हैं
कुछ देर बने रहते हैं और गायब हो जाते हैं;
कुछ रिश्ते दूरियों में ओझल हो जाते हैं,
जाने वाले के साथ दूर चले जाते हैं !
कुछ नजदीकियों की भेट चढ़ जाते हैं,
कुछ शक से सुन्न हो जाते हैं !
कुछ अतिविश्वास की बलि चढ़ जाते हैं!
फिर भी रिश्ते बनते हैं, बिगड़ते हैं,
जीते हैं, मरते हैं लड़खड़ाते हैं, लंगड़ाते हैं
तेरे मेरे उसके द्वारा घसीटे जाते हैं,
कभी रस्मों की बैसाखी पे चलाए जाते है !
पर कुछ रिश्ते ऐसे भी हैं
जो जन्म से लेकर बचपन ,
जवानी -बुढ़ापे से गुजरते हुए,
बड़ी गरिमा से जीते हुए
महान महिमाय हो जाते हैं !
ऐसे रिश्ते सदियों में नजर आते हैं !
जब कभी सच्चा रिश्ता नजर आया है
कृष्ण की बाँसुरी ने गीत गुनगुनाया है... !
आसमां में ईद का चाँद मुस्कराया है...!
या सूरज रात में ही निकल आया हैं .....!
ईद का चाँद रोज नहीं दिखता,
इन्द्रधनुष ही तो कभी कभी खिलता है!
इसलिए शायद -
सच्चा रिश्ता सदियों में दिखता है,
मुश्किल से मिलता है ...
पर दिखता है, मिलता है, यही क्या कम है ॥ !!!
एक प्यारा और सच्चा रिश्ता ....!!!!!!!

Wednesday, January 19, 2011

डर लगता है..!!


ना चाहो इतना हमें चाहतो से डर लगता है
ना आओ करीब इतना के जुदाई से डर लगता है
सुना है मोहब्बत क़ुरबानी मांगती है
क़ुरबानी देने से अब डर लगता है
तुम्हारी वफाओं पर यकीन है
अपनी जात से डर लगता है
सोचा ना थी किसी को इतना चाहेंगे
अब तो अपनी सोचो से भी डर लगता है

Wednesday, January 12, 2011

मोहब्बत क्या है?

किसी ने पुछा मोहब्बत किया है?

समंदर ने कहा....
मोहब्बत समंदर के गहराइयो में छिपे हुए एक सीपी हैं .. जिस में
चाहत जैसा अनमोल मोती मोजूद है.

बादल ने कहा ....
मोहब्बत एक धनक है . जिस में हर रंग इन्द्रधनुष होता है...

शायर ने कहा....
मोहब्बत एक ऐसी ग़ज़ल है , जो हर एक सुनने वाले के दिल में
समाती चली चली जाते है ...

साज़ ने कहा ....
मोहब्बत एक ऐसा गीत है .. जो दिलमें समां जाता है ...

माली ने कहा....
मोहब्बत गुलशन के फूल के वोह दिलकश खुशबू है... जिस में सारा
गुलशन महक उठता है...

आँखों ने कहा ....
मोहब्बत आंसू का समंदर है.. जो किसी के इंतज़ार में ख़ामोशी से
बहता है...

दिल ने कहा ....
मोहब्बत किसी को ख़ामोशी से चाहे जाने का नाम है... के आखरी
वक़्त भी इज़हार ना किया जाये ...

नसीब ने कहा ....
मोहब्बत वाला दुनिया का खुश किस्मत तरीन इंसान है ॥


और जिस के दिल में मोहब्बत नहीं... वोह दुनिया का बद्द तरीन शख्स है...

नफरत ने कहा ....
आखिरी जीत मोहब्बत की होती है




__._,_.___