Thursday, August 18, 2011

लगा चुनरी मैं दाग ...छुपाऊ कैसे .... ..!!!


कितनी प्यारी 
कितनी रंगीन 
कांच की चूड़ी जैसे एक लड़की 
तनहा बैठी अपने ही खयालो मैं गूम सी 
जाने किस खयालो से झगडती ..
उस का हाथ कलाई पर था 
और वो कुछ कुछ खौफजादा थी 
सोचती हुए 
के अब क्या होगा..?
मै भी उस के पास ही बैठा
पुछा कुछ डर कर 
क्या किस्सा  है  ??
उस की आखें भीग गई..
और बोली सहेम कर
देखो मुझे 
"जो तेरी सुंदर कांच की चूड़ी थी
वो टूट गई "



Wednesday, August 17, 2011

क्योंकि तुम मेरे पास जो हो ...



उस ने  कहा कुछ बातें कर ले....
मैंने कहा
                   - क्यों आज इजाजत ले रहे हो 
उस ने  कहा.....
                  -अच्छा अगर जो मैं ना होता तो क्या होता ?
मैंने कहा.......
                  -तो मैं भी ना होती ।
उस ने पूछा ...
                  -वो क्यों ?
मैंने कहा.......
                  -क्योंकि जब तुम्हारा होना तय हुआ होगा तो मेरा होना भी तय हो गया होगा ।
वो मुस्कुरा कर बोला....
                   -तुम बातें बहुत बनाती हो ।
मैं  हसते हुए बोली ....
                   -जानती हूँ ।
वो चोंक का पूछ बैठा ...
                   -वो कैसे ?
मैंने शरमाते हुए  बोली..
                   -क्योंकि तुम मेरे पास जो हो ।


meri ek post per mere dost ne bahot hi acchi comment di thi....maine use toda sa edit kar ke yaha dubara post kiya hai.. muje wo comment itni acchi lagi ki maine yaha post karny ki gustakhi kar li....
thanks for ur comment pearl...


Palak ...

वो और मैं .....!!!!



एक बार सुनो
कुछ ऐसा हुआ
वो मुझे मिला
मैं उसे मिली.
आखें मिली..
ख़ामोशी ने बाते की..
इज़हार हुआ 
इकरार हुआ
वो चाहने लगा
मैं चाहने लगी
उसे प्यार था बहोत
मुझे एतबार था बहोत
फिर कुछ यु हुआ
वो  छोड़  गया
मैं टूट गई  
वक़्त ने रफ़्तार ली
फिर कुछ यु मिले
वो अकेला था
मैं तन्हा थी
बस हम दोनों थे
और कौई न था
वो रोने लगा
मैं बेबस रही 
ना प्यार ना ही इज़हार रहा
बस फर्क सिर्फ इतना था
वो मिटटी के उपर रोता रहा
मैं मिटटी के अंदर रोती रही ....










Sunday, August 7, 2011

Happy friendship Day .....













पिछले प्रहर की रात थी 
तन्हाई और तेरी याद थी 
वही कही से चाँद आ गया सिराहने तक 
पूछने लगा 
जिन्दगी कैसी है ..? 
मैंने कहा कोई खास नहीं 
वही हस कर फिर से पुछा 
क्या चाहते हो ..?
मैंने कहा कोई चाहत नहीं 
कोई आस नहीं 
वही फिर मुस्कुराया और पुछा 
कभी प्यार किया है ..?
मैंने कहा कुछ याद तोह नहीं 
फिर नज़ारे चुराते बोला 
कही धोका को नहीं दमन मैं ?
मैंने कहा ऐसे कोई बात नहीं 
चाँद बोला 
तोह फिर तुम से एक बात कहू 
मैंने कहा कोई एतराज़ नहीं 
तोह बोला 
तुम ने भी ता  उम्र प्यार किया है 
और आज वो साथ नहीं 
मैंने कुछ न कहा बस 
हस कर कहा 
तुम्हारी चांदनी भी तो तुम्हारे साथ नहीं 
आज कही अमवस्या तो नहीं ....



Saturday, August 6, 2011

अनोखा प्यार....


चलो तुम  साथ  मत  देना  
मुझे  बेशक  भुला  देना 
नए  सपने  सजा  लेना 
नए रिश्ते बना लेना  
भुला देना सभी वादे 
सभी कसमे ..सभी नाते ..
मगर 
अब तुम किसी से भी 
ऐसा अनोखा प्यार मत करना

Thursday, August 4, 2011

"कितनी महोब्बत है तुम से "

कब से कहने की हिम्मत जुटा रहे है 
के तुम से इज़हारे महोब्बत कर ले 
पर  न जाने आज ऐसा क्या हुआ 
के दिल ने कहा की 
कह ही दू आज 



जब किताब के पन्नो की सफेदी 
तुम्हारे चेहरे पर छलकती है 
दिल कही रुक सा जाता है 

जब हसी की एक ठंडी लहर 
मेरे कानो मई गूंजती है 
वक़्त कही थम सा जाता है 

ना जाने आज ऐसा क्या हुआ 
दिल ने कहा 
की कह दू आज 
"कितनी महोब्बत है तुम से "