Monday, September 29, 2008

CLEARIFICATION

I want to say something here.. for all my frds and for that ppl who all ready my blog. i m not a POET. yes but i have one hobby that is reaing some poems and ood book. Writing diary is my passion.yes off course sometimes i write poetry that is fact .. somethimes it is very hard to write all that poem which i loved the most so thats why i post here inmy blognot for ppl or my frds this blog is only for me and my memories.. i picked this poem from one of a beautiful blog. but unfortunately the author of that blog misunderstand me . yes of course may be my mistake that i was not mension her name below this poem but not a bad intenshion . just forgot. i think the proper sentance is " these r my memories so i think it is not complasary to mention his or her name. anywaz this is a crrarificatiopn for all my frd. and if i hurt someone in anyway then i m sorry . but again i reapet i have not a wrong intension.

PALAK......

Friday, September 26, 2008

एक कोशिश.. तुजे भूल जाने की ....


तुझे भूलने की कोशिश में,
जब दिल ये ज़िद पे आ गया,
मैं आँख मूँद के बैठ गयी,
तू ख़याल पे फिर छा गया…

ये धड़कन कहीं रुक जाए ना,
मेरी नब्ज़ ठहर ना जाए कहीं,
तूने वक़्त किया मेरा लम्हा लम्हा,
मगर मौत को आसान बना गया…

मेरी हर दलील को किया अनसुनी,
मेरी फ़रियाद भी तो सुनी नहीं,
मैं हैरान हूँ, हाँ कुछ परेशान हूँ,
ऐसा फ़ैसला तू मुझे सुना गया…

मुझे चाँद की कभी तलब ना थी,
मुझे सूरज की भी फ़िक्र नहीं,
बस आँख खोलना ही चाहते थे हम,
मगर तू रोशनी ही बुझा गया….

बेशक भूलना तुझे चाहा बहुत,
हँस कर कभी, रो कर कभी,
दे कर ये आँसुओं की सौगात मुझे,
तू दामन अपना बचा गया….

*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*

Tuesday, September 23, 2008


In love we go so blind
forget reality, get off our mind

in love i can feel inside out
love fro me is never a hideout

i love you this is all i need to know
love me, and i need you to show

believe me together we can make it
we will built our castle bit by bit

The world is not always a happy place
yet with you all bliss i embrace

be with me day and night
all i feel for you is just so right

we will together sing our song
we will live with a smile all along

Monday, September 22, 2008

सिर्फ़ इतना कहना है की प्यार है तुम से
जस्बातों की कोई नुमाइश नही की हम ने
प्यार के बदले सिर्फ़ प्यरा मागा है तुम से
रिश्तों की कोई गुजारिश नही की...

Sunday, September 21, 2008

तेरी आँखें


महकती है तेरी आँखें
मदहोश करती है क्यो मुझे
सागर से तेरी आँखें
उंस जागती है मुझमे
तकती मुझे तेरी आँखें
इश्क़ का जाम पिलाए मुझे
तेरी आँखें यह तेरी आखें
दीवाना बनती है मुझे ...
*****पलक*****

Friday, September 19, 2008

क्या कहूँ ....!!!!

तुम कहते हो ,मैं कुछ कहती नहीं ….
कैसे कहूँ की अब जो हाल है
हर घडी तुम्हारा अफसाना ..
हर पल तुम्हारा ख्याल है …

सपनो में है तुम्हारी झलक
जागते ही फिर दुआ तुम्हारी
जितने पल हैं उतनी यादें …
तुम्हारी ,तुम्हारी सिर्फ तुम्हारी..

खोयी सी रहती हूँ बातों में
जब जब भी तुमसे मिलती हूँ …
और जब रुक कर तुम कुछ पूछते हो
मैं ,निशब्द बन छुप जाती हूँ ..

कहीं जान न लो सारे राज़ तुम ..
कहीं कुछ गलत न कह बैठूं मैं ..
डरती हूँ खोने से अब तुम्हे
क्या कहूं पर मानो ,सच है यही …

सोचती हूँ कभी-
"ये कहूँ ,वो बताऊँ "
फिर तुम्हारे आते ही !
मैं खुद को भूल जाती हूँ
जाने ऐसा क्यूँ होता है ?
मैं तुम में ही खो जाती हूँ

तुम्ही बताओ क्या कहूँ मैं अब ?
तुम्हारी ही बातों के सिवा ..
मेरी दुनिया तो जैसे बस
तुम्हारे ही आस पास है !!
palak

Wednesday, September 17, 2008

चाँद मुस्कुराया...!


एक शाम जब खामोशी ने घेरा
दिल में दबे कुछ लव्जों को सुना ..
हवा धीमी पड चुकी थी…
अँधेरा भी गहराने लगा


घर की छत पर बैठी मैं ..
चाँद को निहारने लगी…
वो चाँद जो हमेशा मेरे पास था
खुशियों में, गम में….
आज भी मेरे साथ था
पर जाने आज क्या खास था ?


चांदनी कुछ नयी सी लगी….
ज्यादा रोशन,ज्यादा चमकती
ज्यादा अपनी सी लगी ….
आसमां भी झिलमिला रहा था …
जाने क्या गुनगुना रहा था ,


कही ये फ़साना वही तो नहीं ?
जिसे सुनना चाहा हमेशा…
जिसे जीना चाहा हमेशा …
मुस्कुरारा रहा था चाँद ..
और हवा भी फिर बहने लगी….


palak

Tuesday, September 16, 2008

तू मुझे सोच कभी.. यही चाहत है मेरी .....

My Fav. songs...



Kaash aisa ho ki tumko tumse chura loon,
waqt ko rok kar waqt se ek din chura loon,
tum paas ho to is raat se ek raat chura loon,
tum saath ho to is jahan se ye jahan chura loon.. palak.....

इंतजार ...!!!!



शाम आ गयी अपने वक़्त से
पर तुम नहीं आये?
बीतने लगी है शाम फिर वक़्त से
तुम अब भी नहीं आये ?
रात ने भी ,अब तो, दस्तक दे दी है
तुम क्यूँ नहीं आये !!



देखो ना, आज नींद ने भी तुमसे दोस्ती की है शायद
कुछ जुदा सी है मुझसे आज वो भी !!
कोई नहीं है पास मेरे तुम्हारे ख्यालों के सिवा
मैं खुश भी हूँ और तन्हा भी ….
पूछ रही है हर पहर मुझसे तुम्हारा ही फ़साना
ये राहें भी जाने क्यूँ गुमसुम सी लगती है



सर उठा के चाँद से तुम्हारा हाल लिया ..
हवाओं को फिर रोक के अपने दिल का संदेस दिया…
जब कोई झोंका आये पास तुम्हारे …
मेरे खामोश दिल की आवाज़ सुन लेना …



एक बात सुनो, तो कुछ मांगू तुमसे !
थोडी सी नींद और कुछ पल तुम्हारे ही…
वक़्त मिले तो ख़्वाबों में ही मिल जाना
दो बातें तुमसे फिर वहीं मैं कर लूंगी...




पलक


Sunday, September 14, 2008

कुछ इस तरह तेरी पलके ......!!!!

वो एक ज़िंदगी, जब आई थी छूने


वो एक ज़िंदगी, जब आई थी छूने
तो कोई वादा तो लिया नही उसने
की बैठी थी उम्र भर
मेरे पहलू मे, मेरे लिए हरदम
सोचती, जागती, हस्ती, खेलती
हमेशा ताकेगी मुझे, हर ओर से
ये चुभन हमेशा होगी
ना कहा था उसने कभी
ना कभी बोला था उसने की
हर रंग मेरे उसकी रोशनी होगी
कटोरों में भरी चाँदनी होगी
कभी तो अमावस भी होगी
कभी तो गम के साए भी होंगे
ज़िंदगी तुझसे कोई शिकवा नही
ये भी तो कम नही
की तू छू कर गयी
थी कभी...


palak

हम अधूरे से लगते है...!!

रुपहली किरनो से सजाया जो आसमान
चाँद के बिन सितारे अधूरे से लगते है
समंदर की गहराई में छुपाया जो खजाना
मोतियो के बिन सीप अधूरे से लगते है
इज़हार करने जाओ जो गम-ए-जमाना
आसुओ के बिन नयन अधूरे से लगते है
महफ़िल में सजाओ जो गीतो का तराना
सुरताल के बिन साज़ अधूरे से लगते है
तुम हमे कितने अज़ीज़ कैसे करे बयान
तुम्हारे बिना हम अधूरे से लगते है...!!
पलक

Thursday, September 11, 2008

Aainaa aaj Fir woh ...!!!!

Aaina aaj Fir woh kal ki Sham Dikhla Gaya,
Udaan Bharti hui Woh kal ki Yaad Dilla Gaya.

Hasti Hui Machalti hui Udd-ti Thi Main Un Hawaon main,
Taaron Ko khojti thi Aanko ki Noor Nigahon Mein.

Sapne Sanjoti Rango ka Sparsh leti Gati thi Ghar Aangan Mein,
Haath Ki Lakiro Ko Badal leti Apno ki Panahon Mein.

Najane Raat ke Andhere ne Kab mere Saahil ka Rukh Moda,
Fariyaad Sunn na paye meri Aansuo ne bhi Saath mera Choda.

Gumon Ki Ranjhison mein Duubne Lagatha mera Suraj,
Dunia Se kya kehti Jab Sare ban Beithe khudgarj.

Dhundhli Roshni si phir yeh subah mujhe Dikhlati hai,
Aainaa aaj Fir woh kal ki Sham Dikhlati hai..............


palak...........!

aks...


Kaisi ye talash hai
Na manzil ka pata hai
Na karvan koi saath hai
Wo mera Aks
na jane kahan khoya hai
aub taqdeer ke toote
shishe mein hi
pehcchan dhoondh rahe hai apani
socha shayad paani me
mil jaye apani parchayi
paani ke bahav ke saath
anjana ban gaya hai wo bhi
jindagi yun bewajah naa hoti
shayad mutti mein khawabon ki
khushabu hoti
kahin dur se aane wali pakhwaj
ki dhun bhi surili hoti
yun hume apane hi aks ki talash na hoti...


palak



Wednesday, September 10, 2008

दिल ने किसी को दिल से चाहा ..!!!


एक बेकरारी मै डूब कर ,
एक मस्ती मैं जूम कर,
महोब्बत के अपना इज़हार किया ,
जिन्दगी मै पहली बार ,
दिल ने किसी को दिल से चाहा.....


ख्वाब बने आरजू की तरह
उम्मीद बनी जिन्दगी की तरह
हर एहसास ने इकरार चाहा
जिन्दगी मै पहली बार
दिल ने किसी को दिल से चाहा.....


ऐतबार का हाथ थम कर,
यादों को हमराह ले कर,
इस मोसम ने बे-इख्तियार चाहा,
जिन्दगी मै पहली बार
दिल ने किसी को दिल से चाहा....


एक खुबसूरत इत्मीनान की तरह,
तुम हो एक दुआ की तरह,
हम ने टूट का चाहा,
जिन्दगी मै पहली बार
दिल ने किसी को दिल से चाहा ...!!!!!


पलक





Tuesday, September 9, 2008

फासले ऐसे भी होगे ...!


फासले ऐसे भी होगे ये कभी सोचा ना था
सामने भी था वो मेरा पर वो मेरा ना था
वो कोई खुश्बू की तरह फैला था मेरे चारो और
मै उसे महसूस कर सकती थी पर छूना मुमकिन ना था
रात भर उस की आहात कानो मई आती रही
जाख कर देखा गली मै पर वो आया ना था
अक्स तो मौजूद था पर अक्स तन्हाई के थे
आइना तो था मगर उस मैं तेरे चेहरा ना था
आज उस ने दर्द भी अपने अलहदा कर दिया
आज हम रोये तो मेरे साथ वो रोया ना था
याद करके और भी तकलीफ होती है
भूल जाने के सिवा अब कोई भी चारा ना था.. पलक

Monday, September 8, 2008

Khwab...

ahsas or khwab dono ek nahi ha
me janti hoo, ye bhi
magar tera khwab to mera ahsas ban gaya
har pal aisa lgta ha, jaise tere sparsh se man sihar gaya
teri sanso ki garmi mere tan me kho gayi
meri jagti akno me bhi ye khwab bas gaya
kyu pyar hua, hame ab tak us din ko roa karte ha
ab ye khwab meri jaaan ka dushman ban gaya

Saturday, September 6, 2008

Milte nahi alfaaz….


Milte nahi alfaaz to kis tarah likhu
Gum aaj bhi hai aas-paas kis tarah likhu
Milte nahi alfaaz….


Kalpana ke baadlo me chahti hu udnaa
"Par" nahi hai mere paas kis tarah likhu
Gum aaj bhi hai aas-paas kis tarah likhu
Milte nahi alfaaz….


Rehtaa thaa banke dhadkan vo shaks jis dil me
Vo dil nahi hai mere paas kis tarah likhu
Gum aaj bhi hai aas-paas kis tarah likhu
Milte nahi alfaaz….


Jiski wafaa ke charche kartay thay dino-raat
Usse nahi wafaa ki aas kis tarah likhu
Gum aaj bhi hai aas-paas kis tarah likhu
Milte nahi alfaaz….


Vo aaya banke baadal,barsaa nahi magar
Hothon pe meri uski pyaas kis tarah likhu
Gum aaj bhi hai aas-paas kis tarah likhu
Milte nahi alfaaz….


Milte nahi alfaaz to kis tarah likhu
Gum aaj bhi hai aas-paas kis tarah likhu
Milte nahi alfaaz….


Palak

Thursday, September 4, 2008

साहील…


वास्तवीकता के हदो से दूर
कल्पना के पास
हवा मे घुलते कोशिशो के अहसास
छलकते रंगो मे ढलता दीन
नीशा के आहटो पर सीसकती शाम



लम्हो के सागर मे उभरती डूब्ती परछाई
अचल संवेदनओ पर लकीरे गहराई
कीसी अजनबी, अदर्श्य स्पर्श पर मुस्कुराते अधर
थमने सा लगता है शबदो का असर
आँखो मे भी क्षितीज दूर कही
तभी प्यासा हर्दय मर्गतर्षणा मे कह उठथा है
कही यह साहील तो नही ....





***********Palak**********

Tuesday, September 2, 2008



तुम पूछो और मैं न बताऊ ऐसे तो हालात नही ,
एक जरा सा दिल टूट है और कोई बात नही
किसको ख़बर थी सवाले बदल भी बिन बरसे उड़ जाते है
सावन आया लेकिन अपनी किस्मत मै बरसात नही..
टूट गया जब ये दिल तो फ़िर ये साँस का नगमा क्या माने ..
गूंज रही है वो शेहनाई जब वो बात ही नही ,
ग़म के अंधेरे मै किसे मै अपना मानु,
जब साया ही साथ नही ...
माना जीवन मै महोब्बत एक बार ही होती है
क्या तू जी पायेगा महोब्बत को छोड़ कर
क्यों तू परेसान है मेरे नसीब को ले कर..
जैसे मै पत्थर हु या मेरे सीने मै जस्बात ही नही....?????


palak

Monday, September 1, 2008

अगर तू ..!!!!!


एक हल्का सा इशारा तू अगर कर देता ,
तमाम उमर तेरे इंतजार कर लेते ,
वादे कर के तुम्हें तोड़ दिए है बहुत लेकिन ....
बस एक आखरी बार ऐतबार कर लेते ,
मेरे बारे मैं सुन के तुम परेसान न होना ,
हां अगर पूछ लेते तुम किसी से हाल मेरा ,
तो रफेकों मैं तेरे भी शुमार कर लेते ,
चंद घड़ी जो बितायीं थी जो हम ने साथ तेरे ,
आज वो मेरी जिन्दगी की सब से हसीं दौलत है ,
जो आज तू एक बार इशारा कर देता ,
तो उन्ही यादों मई हम अपनी जिन्दगी बसर कर लेते...


पलक....