जब नाम तेरा प्यार से
लिखती हैं उँगलियाँ
मेरी तरफ ज़माने की
उठती हैं उँगलियाँ
दामन तेरा मेरे हाथ
मैं आया था इक पल
दिन रात उस ही पल से
महेकती है उँगलियाँ
जिस दिन से दूर हो गए
उस दिन से ही हम
बस दिन तुम्हारे आने
के गिनती हैं उँगलियाँ
लिखती हैं उँगलियाँ
मेरी तरफ ज़माने की
उठती हैं उँगलियाँ
दामन तेरा मेरे हाथ
मैं आया था इक पल
दिन रात उस ही पल से
महेकती है उँगलियाँ
जिस दिन से दूर हो गए
उस दिन से ही हम
बस दिन तुम्हारे आने
के गिनती हैं उँगलियाँ
पत्थर को तराश कर
ना बन पाया एक ताज नया
बस फनकार की जहाँ मै कट जाती है उँगलियाँ