पनाहों मै जो आया हो उस पर वार क्या
जो दिल से हारा हुआ हो फिर उस पर अधिकार क्या करना
महोब्बत का मज़ा तो डूबने की कशमकश मै हैं
हो गर मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना
जो दिल से हारा हुआ हो फिर उस पर अधिकार क्या करना
महोब्बत का मज़ा तो डूबने की कशमकश मै हैं
हो गर मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना
1 comment:
....बहुत खूब, लाजबाब !
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