पुछा हमने उनसे के ...... रूह जिस्म से कैसे नकलती है ?
मेरे हाथों से उसने अपना हाथ छुड़ा कर दिखा दिया,
मेरे हाथों से उसने अपना हाथ छुड़ा कर दिखा दिया,
पुछा हमने उनसे के ....... हर तरफ ये तन्हाई सी कैसी लगती है?
भरी महफ़िल से उसने खुदको उठा कर दिखा दिया,
पुछा हम ने उन से ..... के वो कोन सी है रौशनी जिसे कोई हवा ना बूजा सकी,
दिया उसने अपनी मोहब्बत की वफ़ा का जला कर दिखा दिया,
पुछा हम ने उनसे ...... के आखिर ये मोहब्बत है ही क्या चीज़ जिसे दीवानगी कहते है,
हसते हुए खुदको मिटाकर उसने मोहब्बत का मतलब समझा दिया…
1 comment:
very touching lines...
हसते हुए खुदको मिटाकर उसने मोहब्बत का मतलब समझा दिया…
~Pearl...
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