मीलों मील चलने वाले रिश्ते
कच्चे नाज़ुक धागों से टिकते है
धुप, छाव , रंग, में पलते रिश्ते
तूफ़ान आने पर बिखरते है
रुख हवाओं का मुडने पर जान के दुश्मन
मौसम बदलने पर पाक दिल फ़रिश्ते है
किसी मोड़ पर अजनबी से रिश्ते
मंजिल तक रेंगकर थकते रिश्ते है
कहीं दिल मिलकर मुकम्मल से
कहीं बिखरे आइने के किश्ते है
ज़िन्दगी में सेंकडो रूहों से जुड़ ने वाले
मौत पर दम तोडते हुए, रिश्ते आखिर रिश्ते है ...
कच्चे नाज़ुक धागों से टिकते है
धुप, छाव , रंग, में पलते रिश्ते
तूफ़ान आने पर बिखरते है
रुख हवाओं का मुडने पर जान के दुश्मन
मौसम बदलने पर पाक दिल फ़रिश्ते है
किसी मोड़ पर अजनबी से रिश्ते
मंजिल तक रेंगकर थकते रिश्ते है
कहीं दिल मिलकर मुकम्मल से
कहीं बिखरे आइने के किश्ते है
ज़िन्दगी में सेंकडो रूहों से जुड़ ने वाले
मौत पर दम तोडते हुए, रिश्ते आखिर रिश्ते है ...
No comments:
Post a Comment