Sunday, June 6, 2010

महोब्बत हो तुम...!!


मेरे दिल में बसी हरारत हो तुम,
मेरी आँखों को मिली शरारत हो तुम,
देखूं तुम्हें तो पालूं में दुनिया,
न मिलो तो मिलने की बगावत हो तुम,
तुम्हारी ख़ामोशी कह जाती है कई बातें,
जिसे याद करता है दिल कई रातें,
तुम्हारे नन्हे नन्हे से हाथ और बड़ी बड़ी बातें,
याद रह जाती हैं तुमसे हुई सब मुलाकातें,
उम्मीद हो हमारी आनेवाला कल हो तुम,
मेरे दिल में बसी महोब्बत हो तुम.

6 comments:

संजय भास्‍कर said...

चंद शब्दों में गहरी बात कहना कोई आपसे सीखे...बहुत अच्छी रचना...

संजय भास्‍कर said...

वाह ! कितनी सुन्दर पंक्तियाँ हैं ... मन मोह लिया इस चित्र ने तो !

Prashant Goel said...

Indeed a gud 1...

BTW - u can call me Prashant --- Jee part is a bit too much for my age...

Email Id is prashantgoel@gmail.com

B in touch!

Anonymous said...

you are really very expressive my dear... These lines touches the heart....

~Pearl...

संजय भास्‍कर said...

सुन्दर कवितायें बार-बार पढने पर मजबूर कर देती हैं.
आपकी कवितायें उन्ही सुन्दर कविताओं में हैं.

Anonymous said...

"तुम्हारी ख़ामोशी कह जाती है कई बातें,
जिसे याद करता है दिल कई रातें,"....kahan se ye ehsas leke aate ho tum apne shabdon mein..one can connect to ur lines so simply...i am in same condition..kp writing...snkr...