दर के उल्फत के इरादे पे ज़रा फिर सोच ले,
में चली जाउंगी और तु देखता रह जायेगा ,
ये नहीं कहते की तुझ बिन जी नहीं पायेंगे हम,
हाँ मगर जिंदगी में एक कमी रह जाएगी,
प्यार के सदके ये लगता है हमारे दरमियाँ,
और कुछ ना भी रहे तो ये दोस्ती रह जाएगी,
में तो तय कर के चली जाउंगी दुनिया के सफ़र से ..
मेरे बारे में ये दुनिया सोचती रह जाएगी,
में अगर ना भी रहू, तो ये शायरी रह जाएगी………
Palak