यह पत्तों की है सरसराहट
या तेरे आने का हैं यह पैगाम
दिल तो मेरा एक अरसे से चुरा ले गए तुम
अब तो मेहर कर दे मुज पर
की हर आहट पर तेरी
इंनायत किए फिरते है
आज हम पर
इतनी इबादत कर दे
चली जाए जान भी
आपके प्यार में तो गम ना होगा हमें
बस एक झलक से आज
किस्मत हमारी रंग दे ...
या तेरे आने का हैं यह पैगाम
दिल तो मेरा एक अरसे से चुरा ले गए तुम
अब तो मेहर कर दे मुज पर
की हर आहट पर तेरी
इंनायत किए फिरते है
आज हम पर
इतनी इबादत कर दे
चली जाए जान भी
आपके प्यार में तो गम ना होगा हमें
बस एक झलक से आज
किस्मत हमारी रंग दे ...
अब तो ये इंतज़ार ख्वतम कर दे...
palak PG
1 comment:
Hi Pal,
bahut sundar...
agar main sahi hu to ye ankye
jaani pahchani hai....
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