Wednesday, September 10, 2008

दिल ने किसी को दिल से चाहा ..!!!


एक बेकरारी मै डूब कर ,
एक मस्ती मैं जूम कर,
महोब्बत के अपना इज़हार किया ,
जिन्दगी मै पहली बार ,
दिल ने किसी को दिल से चाहा.....


ख्वाब बने आरजू की तरह
उम्मीद बनी जिन्दगी की तरह
हर एहसास ने इकरार चाहा
जिन्दगी मै पहली बार
दिल ने किसी को दिल से चाहा.....


ऐतबार का हाथ थम कर,
यादों को हमराह ले कर,
इस मोसम ने बे-इख्तियार चाहा,
जिन्दगी मै पहली बार
दिल ने किसी को दिल से चाहा....


एक खुबसूरत इत्मीनान की तरह,
तुम हो एक दुआ की तरह,
हम ने टूट का चाहा,
जिन्दगी मै पहली बार
दिल ने किसी को दिल से चाहा ...!!!!!


पलक





3 comments:

Dr. Ravi Srivastava said...

ये हम भी गवारा करते है
ये तुम भी गवारा कर लेना
रो रो के गुज़ारी है हमने
तुम हंस के गुज़ारा कर लेना
बताबी हद से बढ जाये
और नींद ना आयी रातो को
तो डूब के मेरी यादो मे
दुनियाँ से किनारा कर लेना

Anonymous said...

Tum se mil ke
aise laga tum se mil ke
arma hue puray dil ke E meri jane wafa...
teri meri ..meri teri... ek jaan hai ...PRINDA movie ka ye song yaad aa gaya ye padh kar....

keep posting

Anonymous said...

nice poem
keep it up dear