Wednesday, August 17, 2011

वो और मैं .....!!!!



एक बार सुनो
कुछ ऐसा हुआ
वो मुझे मिला
मैं उसे मिली.
आखें मिली..
ख़ामोशी ने बाते की..
इज़हार हुआ 
इकरार हुआ
वो चाहने लगा
मैं चाहने लगी
उसे प्यार था बहोत
मुझे एतबार था बहोत
फिर कुछ यु हुआ
वो  छोड़  गया
मैं टूट गई  
वक़्त ने रफ़्तार ली
फिर कुछ यु मिले
वो अकेला था
मैं तन्हा थी
बस हम दोनों थे
और कौई न था
वो रोने लगा
मैं बेबस रही 
ना प्यार ना ही इज़हार रहा
बस फर्क सिर्फ इतना था
वो मिटटी के उपर रोता रहा
मैं मिटटी के अंदर रोती रही ....










7 comments:

vandana gupta said...

उफ़ इतना मार्मिक चित्रण कर दिया आखिर मे।

Anonymous said...

-अच्छा अगर जो मैं ना होता तो क्या होता ?
-तो मैं भी ना होती ।
-वो क्यों ?
-क्योंकि जब तुम्हारा होना तय हुआ होगा तो मेरा होना भी तय हो गया होगा ।
-तुम बातें बहुत बनाती हो ।
-जानती हूँ ।
-वो कैसे ?
-क्योंकि तुम मेरे पास जो हो ।
~Pearl...

!!अक्षय-मन!! said...

har shabd dard main doob raha ho jaiese...

Palak.p said...

aap ki comment muje itni pyari lagi ki mai ise post karnay ki gustakhi kar rahi hu ....
thanks for this beautiful comment PEARL....

Palak....

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

मार्मिक अभिव्यक्ति

Raj said...

OMG Palak!

Aap ki is pyari si rachana padh ke kuch dil mein chhhupe ehsaash taza ho gaye....

"dosto SHAQ Dosti ka dushman hai..apane dil mein ise GHAR banane na do...Kal tadpna pade yaad mein jinki..Rok lo ruth kar unko jaane na do....Baad mein pyar ke chaho bhejo laakho salaam....Woh phir nahi aatein...."

Palak.p said...

Vandna ji, Akshay ji,sangeeta ji,raj ji..aur wo sab jinhonay ye rachna padhi hai aur sarahna ki hai sab ko meri taraf se dhanywad ..

Palak