Saturday, August 6, 2011

अनोखा प्यार....


चलो तुम  साथ  मत  देना  
मुझे  बेशक  भुला  देना 
नए  सपने  सजा  लेना 
नए रिश्ते बना लेना  
भुला देना सभी वादे 
सभी कसमे ..सभी नाते ..
मगर 
अब तुम किसी से भी 
ऐसा अनोखा प्यार मत करना

5 comments:

!!अक्षय-मन!! said...

bahut bahut bahut hi accha likhaa ankhokha aur anmol pyar.....

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुन्दर भाव संजोये हैं ..अच्छी प्रस्तुति

S.N SHUKLA said...

सुन्दर , बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति जो मन को भिगो जाती है..आभार

संजय भास्‍कर said...

मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये