Friday, December 26, 2008

What I Owe U...!!!!!!

This is a list Of what to expect From me to you
With love and respect ...!!!!!


I owe you an ear ...Cuz u would always pay attention
I owe you a shoulder ....Cuz on yours lies my affection
I owe u a hand ....You always helped out
I owe u advice ...Of that there’s no doubt
I owe u respect ....Of that your full
I owe trust ....With my secrets you were cool
I owe you knowledge ...You taught me so much
I owe you love ...Deep in my heart, you touched
I owe you a friend ...Who is honest and true
I owe you my life ...Because of what you still do.............. Palak **PG**

Self...!!!!!

*****I read following lines some where from Sarveshwar Dayal Saxena and liked them a lot। I found a trueness in the words of the poet and feel a new strength with in me repeating these lines again and again। I thought of sharing it with you guys and hope the readers will also find it good. ******

शक्ति अगर सीमित है
तो हर चीज अशक्त भी है,
भुजाएं अगर छोटी है
तो सागर भी सिमटा हुआ है,
सामर्थ्य केवल इच्छा का दूसरा नाम है,
जीवन और म्रत्यु के बीच जो भूमि है,
वो नियति की नही, मेरी है ........ PG

Saturday, December 20, 2008

उम्मीद की डोर ...!!!!


एक अनचाहा अजनबी सा मोड़
उन पुराणी पहचानी रह-गुजर पे ...

एक गहरा अनजाना सा मुखौटा
उन बरसों से जाने पहचाने
धूंदले होते चेहरों पे ...

एक अनजबी सी चुभन
सुनाई देती सिसकियाँ
किसी टूटे दिल की ...

ये तुम्हारा उमर लंबा इंतज़ार
सांसो का ये शोर
दिल में जगी ख्वाहिशे
सब है उम्मीद की उस एक डोर से ....
PG

Wednesday, December 17, 2008

पत्थर सी यादें ...!!!!


यादों को देखो आज फिर,
लहराता हुआ आँचल उडा,
सुनाने को मेरे पास नही,
वोह आज भी मुझसे जुदा,
रेत पर थी लिखी मेरी कहानी,
धुप में उसकी चिता जल गई,
जोंका था हवा का अगर वोह,
फिर क्यूँ पत्थर सी यादें बन गई??
PG

Monday, December 15, 2008

इक दिल के सिवा !!


है क्या हमारा.. ,
कुछ ख्वाहिशों के सिवा,
चंद दिन उधार के,
उस पर कोई हक नहीं
इक वेहेम के सिवा.

किसे अपना समझते है,
यह जिंदगी कुछ नहीं
इक फरेब के सिवा
ना कोई था,
ना कोई है, ना कुछ रहेगा
इक ठंडी सी आह के सिवा.

कितनी चोट गिनती करें,
बदन पर कुछ नही रहा ज़क्मो के सिवा,'
हम थक गए
पर वोह नहीं,
सब है उसके पास
इक दिल के सिवा !!
PG

Saturday, December 13, 2008

अनछुआ नाम ....!!!


रोक दू इस जहाँ को,
अगर बस चले मेरा,
और रोक दू इस शाम को,
कभी ना आने दू वोह सवेरा.

ऐ हवा तुझे नही आजादी,
और नही मेरी इजाज़त,
बह जाए ना यह रूहानी खुशबू,
कुछ ऐसे है उनकी आहट.

थम जा ऐ समां,
की आज मैं उनके साथ नही,
बीते हुए लम्हों मैं जी लुंगी,
बिरह का मुझे एहसास नही.

तेरा आज मैं नही अगर,
मुकद्दरों से यह एलान है,
जहाँ-ऐ-गुमनाम तुम याद रखना,

माथे पे लिखा सिर्फ़ तेरा नाम है।

एक अनछुआ सा नाम ...

पलक (PG)


Thursday, December 11, 2008

Waiting For U ....!!!!


यह पत्तों की है सरसराहट
या तेरे आने का हैं यह पैगाम
दिल तो मेरा एक अरसे से चुरा ले गए तुम
अब तो मेहर कर दे मुज पर
की हर आहट पर तेरी
इंनायत किए फिरते है
आज हम पर
इतनी इबादत कर दे
चली जाए जान भी
आपके प्यार में तो गम ना होगा हमें
बस एक झलक से आज
किस्मत हमारी रंग दे ...

अब तो ये इंतज़ार ख्वतम कर दे...

palak PG



Wednesday, December 10, 2008

टकटकी सी एक आंखों में रहती हैं
दिल में बस आपका ही ख्याल रहता हैं
यूँ इंनायत से नज़ारे ना मिलाया कीजिये
दिल मेरा बड़ा बेकरार रहता हैं
की एक अनकही सी बात कह जाती हैं नज़र आपकी
अरे आपके एक उफ़ का भी बड़ी बेसब्री से हमें इंतज़ार रहता हैं…
PG


Sunday, December 7, 2008

To A Lost Friend…

Sometimes, when people talk about friends, you always come to my mind and you always come to my heartfelt thoughts…

Sometimes when I hear some of your favorite songs, my eyes wet with
tears, and I look back thru the years…

Sometimes I cherish the times we spent together, and sometimes
I repent the mistakes we made…

Sometimes I think it was hard to find you, and then I realize it was the
hardest to let you go…

Do you never ever think of me?
Do you never cry like I do?
I know its been years, and people get over stuff,
But I cant, may be cuz you were an inseparable part of me…
Whether you believe it or not, I cant do anything to make you see,
How much and how much I do miss you!!

pg

Life

Zindagi kya hai kaisi hai kyun aisi hai
Kuch samajh mein nahi aata
Chhaayi jaise gehri udaasi hai,
Par udaasi ka kaaran nazar mein nahi aata

Ek ghadi hoti hai khushiyo se bhari,
Toh dusra pal bohot hi ghumgheen
Aisa lagta hai jaise zurm kiya ho maine
Koi bohot hi sangheen

Pataa nahi
Kisne meri hasi chura li hai
Unn maasoom baato par
Jaane kisne nazar laga di hai

Baat baat par bina vajah
Mein ro baith ti hoon
Jaane kyu aatma vishwaas
Mein kho baith ti hoon

Hasne wali mein har ghadi
Ab muskurana bhi bhool chuki hoon
Aisa lagta hai pal bhar kay sukoon ko
Jaane kabse bhukhi hoon

Do ghadi hasne ko mile
Toh jaise raahat si hoti hai
Lekin turant hi fir
Bechaini ki aahat si hoti hai

Khair, aakhir ye sab sochne wala
Mera hi toh mann hai
Inhi silwato ka naam hi
Shayad jivan hai!
PG