कभी उल्फत भरा लहजा
कभी उतरा हुआ चेहरा
समज मैं नहीं आता
बता मेरा गुनाह क्या है ..??
मेरी उलझन मिटा दे
मुझे इतना बता तोह दे
मैं मुजरिम हु
या मेहराम हु
मेरी सजा क्या हैं ??
मेरी जज़ा क्या है ??
मेरी सांसे तो चलती हैं
तेरी यादों से ऐ ह्मदम
मेरा दिल
मेरी जान
ये सब कुछ नाम तेरे हैं
बता अब पीछे बचा क्या हैं ..??
पल
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