Saturday, February 25, 2012

The Month Of December .....!!!!!



इस दिसम्बर के महीने मैं 
ठीक एक साल पहले 
सर्दी की काली रातों मैं 
छत पर किसी कोने मैं बैठे 
एक दोस्त बनाया था मैंने 
थोडा सा नटखट 
थोडा सा पागल
मेरी जिन्दगी के कैनवास पर 
इन्द्रधनुष सा 
उतरा था एक अलग ही रंग 
आज फिर दिसम्बर आया है 
मगर
खबर नहीं मुज को उसकी 
वो इंतज़ार कर चला गया होगा 
मैं नए धागों को सुलझाते 
उस डोर को तोड़ बैठी 
जो कभी पिछले दिसम्बर मैं 
तारो तले बाँधी थी 


Written form "Months of the year challenge season २" with some edition ..

1 comment:

संजय भास्‍कर said...

अंतर्मन को छूती हुयी है आज की रचना ...