नकाब पोश के राज़ - ऐ - चेहरा खोलता है
यूँ तो चलती है दुनिया लाख चेहरे लिए
हर शक्श यहाँ जूठ का पाठ करता है
मिलता है सुकून देख कर ये आइना मुझे
यही तो मेरी चेहरा - ऐ - तस्वीर खोलता है
शुकून है के देख कर आइना यकीं होता है
दयार - ऐ - दुनिया मैं कोई तो है जो फक्त सच बोलता है..
2 comments:
आदमी को आदमी बनना पड़ेगा
आईने को साथ ले चलना पड़ेगा
अपनी खातिर आपसे लड़ना पड़ेगा
आईने की साफ सुथरी बात है
आदमी में जानवर की जात है.
~!Pearl...
शब्द संयोजन उम्दा है..कविता में अंतर्मन के भाव भी खूब उभर कर आये हैं...
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