Tuesday, December 4, 2012
Saturday, February 25, 2012
The Month Of December .....!!!!!
इस दिसम्बर के महीने मैं
ठीक एक साल पहले
सर्दी की काली रातों मैं
छत पर किसी कोने मैं बैठे
एक दोस्त बनाया था मैंने
थोडा सा नटखट
थोडा सा पागल
मेरी जिन्दगी के कैनवास पर
इन्द्रधनुष सा
उतरा था एक अलग ही रंग
आज फिर दिसम्बर आया है
मगर
खबर नहीं मुज को उसकी
वो इंतज़ार कर चला गया होगा
मैं नए धागों को सुलझाते
उस डोर को तोड़ बैठी
जो कभी पिछले दिसम्बर मैं
तारो तले बाँधी थी
Written form "Months of the year challenge season २" with some edition ..
Friday, February 24, 2012
आइना
नकाब पोश के राज़ - ऐ - चेहरा खोलता है
यूँ तो चलती है दुनिया लाख चेहरे लिए
हर शक्श यहाँ जूठ का पाठ करता है
मिलता है सुकून देख कर ये आइना मुझे
यही तो मेरी चेहरा - ऐ - तस्वीर खोलता है
शुकून है के देख कर आइना यकीं होता है
दयार - ऐ - दुनिया मैं कोई तो है जो फक्त सच बोलता है..
मैं और मेरी तन्हाई अक्सर ये बाते करते है ........!!!!
आईने में चेहरा अपना देखा,
और तस्वीर तेरी नज़र आई..
ए- सितमगर आज मुझे,
तेरी बेवफाई फिर नज़र आई..
मिटा नही पाया तेरी कमी दिल से कभी,
आज मुझे अपनी यह मज़बूरी नज़र आई..
दर्द से जिंदा रहने का एहसास होता है,
ऐसे हालात में फंसी मुझे अपनी जिंदगी नज़र आई..
जिस पल तू खो गया कहीं भीड़ में,
उस पल से मुझे अपनी जिंदगी रुकी नज़र आई..
दो -चार ख़ुशी की बूंदें चाहे गिरी हो मुझ पर,
पर उसके बाद तो गम की बरसात नज़र आई….
जाने क्या बात थी तुझमें और तेरी यादों में,
आँखों ने तो रो दिया,पर होठों पर हंसी नज़र आई..!!!
Subscribe to:
Posts (Atom)