कितनी प्यारी
कितनी रंगीन
कांच की चूड़ी जैसे एक लड़की
तनहा बैठी अपने ही खयालो मैं गूम सी
जाने किस खयालो से झगडती ..
उस का हाथ कलाई पर था
और वो कुछ कुछ खौफजादा थी
सोचती हुए
के अब क्या होगा..?
मै भी उस के पास ही बैठा
पुछा कुछ डर कर
क्या किस्सा है ??
उस की आखें भीग गई..
और बोली सहेम कर
देखो मुझे
"जो तेरी सुंदर कांच की चूड़ी थी
वो टूट गई "