Tuesday, September 21, 2010

ले जाना..!!!!!


मेरी रातों की राहत दिन का इत्मिनान ले जाना,
तुम्हारे काम आ जायेगा, ये सामान ले जाना,

तुम्हारे बाद क्या रखना खुद से वास्ता कोई?
तुम अपने साथ मेरा उम्र भर का मान ले जाना,

कांच के कुछ रेज़े पड़े हैं फर्श पर, चुन लो,
अगर तुम जोड़ सकते हो तो ये गुलदान ले जाना,

उधर अल्मारिओं में चाँद अव्राक परेशां हैं,
मेरे ये अधूरे ख्वाब मेरी जान ले जाना,

तुम्हे ऐसे तो खाली हाथ रुखसत कर नहीं सकते,
पुरानी दोस्ती है इसकी कुछ पहचान ले जाना,

इरादा कर लिया है तुमने गर सच मुच बिछड़ने का,
तो फिर अपने ये सारे वादा-ओ-पैमान ले जाना,

अगर थोड़ी बहुत है शायरी से उनको दिलचस्पी,
तो उनके सामने तुम मेरा ये दीवानापन ले जाना...!!!

Monday, September 13, 2010

मेरी पहचान ......!!!


बेचैन पलों में सुकून हूँ,
जो हद से गुज़र जाये वो जूनून हूँ,
रिश्तों का एहसास हूँ,
कभी बेनाम हूँ, पर फिर भी ख़ास हूँ में!
हाथ उठें तो में इबादत,
झुकती पलकों की में हया हु ,
अल्हड अटखेलियाँ और शरारत,
कैसे कोई मुझे करे बया ....



पलक 

Monday, September 6, 2010

daughter........


દીકરો વંશ છે
દીકરી અંશ છે

દીકરો આન છે
દીકરી શાન છે

દીકરો તન છે
દીકરી મન છે

દીકરો સંસ્કાર છે
દીકરી સંસ્ક્રુતિ છે

દીકરો આગ છે
દીકરી બાગ છે

દીકરો દવા છે
દીકરી દુઆ છે

દીકરો ભાગ્ય છે
દીકરી વિધાતા છે

દીકરો શબ્દ છે
દીકરી અર્થ છે

દીકરો ગીત છે
દીકરી સંગીત છે

દીકરો પ્રેમ છે
દીકરી પૂજા છે

દીકરી એજ દીકરો છે.