अजनबी आखों से छलका है प्यार पहली दफा
एक उम्मीद जगी है की अब मिलेगी वफ़ा
मैंने रातो मई गिराएँ है जो असू अक्सर
उसी शबनम से खिल उठी है आज मेरी सबा
सब ने मातम ही मनाये है मेरे जीने पर
वो दुआ मागेगी मेरे लिए क्यों ऐसे लगा.?
मेरी हर बात का दुनिया मलाल करती है
मेरा हर रंज उठाएगी वो ना होगी खफा
बस यही जरा सा सताए खोफ है मुझे
कही औरो की तरह वो भी ना दे जाए दगा मुझे ...
पलक ....PG
एक उम्मीद जगी है की अब मिलेगी वफ़ा
मैंने रातो मई गिराएँ है जो असू अक्सर
उसी शबनम से खिल उठी है आज मेरी सबा
सब ने मातम ही मनाये है मेरे जीने पर
वो दुआ मागेगी मेरे लिए क्यों ऐसे लगा.?
मेरी हर बात का दुनिया मलाल करती है
मेरा हर रंज उठाएगी वो ना होगी खफा
बस यही जरा सा सताए खोफ है मुझे
कही औरो की तरह वो भी ना दे जाए दगा मुझे ...
पलक ....PG
1 comment:
very nice and.... वहां घर में कोन है मुन्तजिर के फिकर हो देर सवेर की।
बड़ी मुह्तासिर सी ये रात है इसे चांदनी में गुजार दो।
मैं बहोत दिनों से उदास हूँ मुझे एक शाम उधार दो।
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