Tuesday, November 25, 2008

खामोश नगमे ....!!!!!!


कभी गुल ने बुलबुल ने कहा .....
मेरी खामोशी तेरे हज़ार गीतों का जवाब है ...
बुलबुल ने कहा ....
मैने तेरे ही एहसासों को आवाज़ दी ....
तुने कभी सोचा, मेरे उन नगमो का क्या हुआ ...
जो कहे .. न कहे .. कभी लबो तलक आके रह गए ...



पलक ......

Tuesday, November 18, 2008


आप कहे तो हसरते बयां कर दू
आप बैठे रहे और मै ग़ज़ल पुरी कर लू
आप का साथ मिले तो ख़ुद पर एतबार कर लू
खामोशियाँ आबाद रहे , नजरों को जुबान दे दू ,
जींदगी लम्हा लम्हा दर्द सही
अब यादों के सहारे सफर खुसनुवार कर दू
चाँद तारों तो क्या दमन मैं कायनात भर लू
आप के वादे पर ये उमर तमाम कर लू
गुल खिले अ खिले अब ख्वाबों से निकाह कर लू
आप का साथ हो तो ये मंजिले रेहुजर कर लू.....

पलक PG



Sunday, November 16, 2008

Pondering ......!!!!

My life...
I am WONDERING..............
Things are getting more and more complicated.... every little things had become so demanding..... sometimes i ask myself ... why i am working so hard for....
in the end what am i trying to achieve in my life?a husband?
then a house.....
then a loan.....then a car.... then a family....then...kids...then education...and the list just goes on and on and on..........
in the end, what do i leave for myself???
what happen to the money i earn?
where is my time to do something that i really enjoyed?
but...
if i meet someone.... that very special someone..... won't i wanna be with him together forever? and have a house so that the two of us can have the cosy little space to spend time together...... don't u wanna bring him out in a cofortable car so as to avoid the public transport or to wait for taxi under the rain...... the list goes...............on on on on on .................and on on on on......so life is so sweet isn't? just look at it from another angle or perspective, u will find..... at the other side of each story.....
there is always some other thing to ponder about.....

Saturday, November 15, 2008

अजमाइश

तुम को पाने की ख्वाहिश मैं,
उम्र उजर दी अजमाइश मैं ,
ना तुम मिले , ना करार आया ,
हां, ख़ुद को पा लिया ,
तुम्हारी पैमाइश मैं .....
PG

Wednesday, November 12, 2008



यादो के बहाव में बह जाना याद है


छोटी छोटी बातों पे मुस्कुराना याद है
पतझड़ मैं भी लगता था मौसम बहारों का
तुम्हारे इंतज़ार मैं वक्त बिताना याद है
कभी साथ बैठे बैठे युही वक्त बिता देना
कभी मेरी हर बात पर तुम्हारा मुस्कुराना याद है
कभी बिन बताये तुम्हारा सब कुछ कह देना
कभी कह के भी बात छुपाना याद है
कुछ सुन ना चाहते थे हम तुमसे
पर तुम्हारा न कह पाना याद है
अभी तो मिले भी नही थे रास्ते हमारे
यूँ एक मोड़ पर राहों का मुड़ जाना याद है
चाहा था एक कहानी बने हमारी
मगर पन्नो का अचानक बिखर जाना याद है
कहाँनी न सही अफसाना तो बन गया
इस अफ़साने का हर फ़साना मुझे याद है ..PG

from :- khwabon ki nagariya

Sunday, November 9, 2008

I Love U...!!!!


Will you ever come back,
To hold my hand
To rekindle my life,
To stand beside me,
And grow with my life.

I want you more than ever,
I want to love you forever.

You touched my heart,
You felt my soul,
I was sort of incomplete,
You made me whole...

Theres no life without you,
Its only you and you
I Love You YES I Love You!!!!....... PG

Saturday, November 8, 2008

પલક....


પલક ઝપકી, 'ને એક પ્રકાશ રેલાયો વીશ્વમાં.
પલક ઝપકી, 'ને બ્રહ્માંડ રચાયું ઘોર અન્ધકારમાં.
પલક ઝપકી, 'ને જીવાંકુર ફુટ્યું આ ધરણીમાં.
પલક ઝપકી, 'ને જીવન મહેંક્યું અફાટ સંસારમાં.
પલક ઝપકી, 'ને બે જીવ મળ્યાં અણદીઠેથી.
પલક ઝપકી, 'ને બે આત્મા એક થયાં તૃપ્તીથી.
પલક ઝપકી, 'ને એક શ્વાસ વધ્યો જીન્દગીમાં.
પલક ઝપકી, 'ને સ્નેહતણો રણકાર થયો દીલમાં.
પલક ઝપકી, 'ને રસહીન થયો આ સંસાર.
પલક ઝપકી, 'ને પ્રભુમીલન થયું જે નથી અસાર।


Palak PG

Friday, November 7, 2008

Strength of a Man ....!!!!

man

Strength of a Man

The strength of a man isn't seen in the width of his shoulders.
It is seen in the width of his arms that encircle you.
The strength of a man isn't in the deep tone of his voice.
It is in the gentle words he whispers.
The strength of a man isn't how many buddies he has.
It is how good a buddy he is with his kids.
The strength of a man isn't in how respected he is at work.
It is in how respected he is at home.
The strength of a man isn't in how hard he hits..
It is in how tender he touches.
The strength of a man isn't how many women he's Loved by.
It is in can he be true to one woman.
The strength of a man isn't in the weight he can lift.
It is in the burdens he can understand and overcome.

beauty

Beauty of a Woman

The beauty of a woman
Is not in the clothes she wears,
The figure she carries,
Or the way she combs her hair.
The beauty of a woman
Must be seen from her eyes,
Because that is the doorway to her heart,
The place where love resides.
The beauty of a woman
Is not in a facial mole,
But true beauty in a woman
Is reflected in her soul.
It is the caring that she lovingly gives,
The passion that she shows,
The beauty of a woman
With passing years-only grows
.
woman

Lucky is the man who is the first love of a woman,
but luckier is the woman who is the last love of a man

Luv Happens Only Once….
Rest Is Just Life…

this is one of the best post from my dearest friend . thanks for this post .... PALAK...

PG

Thursday, November 6, 2008

अब सोचती हु के तेरा नाम ले लू ...


मैं सर पर महोब्बत का इल्जाम ले लू
इजाजत अगर हो तेरा नाम ले लू

मेरी जिन्दगी बेमजा हो गई है
दो एक पल तो तेरी बात कह लू

मेरी शामे बेहाल तनहाइयों से
कहो तो तुम्हारी कोई शाम उधार ले लू

मैं बदनामियों से डरती रही हु
अब सोचती हु के तेरा नाम ले लू ...

पलक PG

Wednesday, November 5, 2008

मेरे नाम पर मरती थी ....

कभी शर्मा के , कभी मुस्का के , आचल को सवारा करती थी ,
कभी हम पे क़यामत मरती थी, कभी हम क़यामत पे मरते थे ,

चलते चलते रुक जन, कुर्ती की सलवटों को सुल्जाना ,
भोली सूरत वाली वो ऐसे ही नज़ारा करती थी ,

मिलते ही नजर मुस्का देना और पलकों को जपका देना ,
मस्त निगाहों से अक्सर वो उही इशारा करती थी ,

जब घर से न आना होता था उस का .
तब देर तलक छत पर वो जुल्फ सवार करती थी

लोगों के सौ सौ ताने और बदनामी के अफसाने ,
मेरी खातिर न जाने वो क्या क्या गवारा करती थी....

थी वो मेरी बस मेरे नाम पर मरती थी ....
पलक .....PG

Monday, November 3, 2008

अजनबी आखों से छलका है प्यार पहली दफा

अजनबी आखों से छलका है प्यार पहली दफा
एक उम्मीद जगी है की अब मिलेगी वफ़ा
मैंने रातो मई गिराएँ है जो असू अक्सर
उसी शबनम से खिल उठी है आज मेरी सबा
सब ने मातम ही मनाये है मेरे जीने पर
वो दुआ मागेगी मेरे लिए क्यों ऐसे लगा.?
मेरी हर बात का दुनिया मलाल करती है
मेरा हर रंज उठाएगी वो ना होगी खफा
बस यही जरा सा सताए खोफ है मुझे
कही औरो की तरह वो भी ना दे जाए दगा मुझे ...

पलक ....PG

Sunday, November 2, 2008

खामोशी


वो आज फ़िर हम से मिला, वो आज फ़िर चला गया ,
न हमसे कुछ कहते बना , न उसी से कुछ कहा गया..

शरमाया सा - घबराया सा , वो सामने बैठे रहा,
हम लबो को हिला कर रह गए , वो इस कदर हमें हिला सा गया ,

उसे आस ये की हम कुछ कहे, हमें इंतज़ार ये की वो कुछ कहे,
वो खामोशी मैं बोलता गया, हम खामोशी को सुन ना पाए ,

होसला किया भी था की बढ़ कर हाथ थाम ले ,
हम दिल ही थामे रह गए , वो नजर यु मिला गया ,

बेताब सारी हसरते तड़प - तड़प के रह गई ,
हम मुस्कुरा के रह गए , वो मुस्कुरा कर चला गया ....

PALAK..... PG

Saturday, November 1, 2008

kuch sawal


Apani hi umiid ke daayarein Mein qaid;
“ main aur mere" ke chakrawat mein ulaze
Kuch kamjor dhaagon ko ,
Riston ka naam kaise de ??

Mukhaute ke piche Chupe
Us chhaal bhare chehare ki
Sacchai ko
Acchai ka naam kaise de ??

Naa iname koi apanepan ki namie
Naa koi sacchai ki puravayee
Gilee mitti se bane
In rishton ke khali baratano ko
Tootane se bachaye kaise koi ??