Sunday, November 18, 2018

एक मुनासिब सा नाम रख दो तुम मेरा,

रोज़ ज़िन्दगी पूछती है रिश्ता तेरा-मेरा..!

2 comments:

गोपालकृष्ण said...

कुछ रिश्ते बदनाम ही अच्छे थे,
कुछ रिश्ते बेनाम ही अच्छे है,
अगर समजो तो.....
जो कृष्णा को राधा से था...
मीरा को श्याम से था...
इसको बेनामहि रखो तो अच्छा है,
दुनिया जो भी नाम दे, समाज लो , वो भी अच्छा है ।

संजय भास्‍कर said...

Beautiful as always.