मेरे जिस्म मे जान जबतक रहेगी
तेरा नाम सांसोंमें घुलता रहेगा
महकती रहेगी जिंदगी यूं हमेशा
और ये समा भी महकता रहेगा
जैसे कोई हो युगोंकी तपस्या
ये सफ़र भी तो वै्से ही चलता रहेगा
मिले ना मिले मंजिलोंका सहारा
रास्ता मेरे कदमोंको मिलता रहेगा
मेरे चाहतोंकी गहराईयोंमे
तेरे दिल का अक्स यू खिलता रहेगा
कोई रंजिशे, गम या कोई गिला भी
दुआओंमे मेरी बदलता रहेगा
कहते है सच्चे दिल से जो चाहो
एक दिन तुम्हारा वो बनके रहेगा
पिघलता है पत्थर भी यारा जहांपे
इश्क तो मोम है, वो पिघलके रहेगा
तेरा नाम सांसोंमें घुलता रहेगा
महकती रहेगी जिंदगी यूं हमेशा
और ये समा भी महकता रहेगा
जैसे कोई हो युगोंकी तपस्या
ये सफ़र भी तो वै्से ही चलता रहेगा
मिले ना मिले मंजिलोंका सहारा
रास्ता मेरे कदमोंको मिलता रहेगा
मेरे चाहतोंकी गहराईयोंमे
तेरे दिल का अक्स यू खिलता रहेगा
कोई रंजिशे, गम या कोई गिला भी
दुआओंमे मेरी बदलता रहेगा
कहते है सच्चे दिल से जो चाहो
एक दिन तुम्हारा वो बनके रहेगा
पिघलता है पत्थर भी यारा जहांपे
इश्क तो मोम है, वो पिघलके रहेगा
पलक
7 comments:
bahut sundar ...dost!!
likhte raho !!
Jai Ho Mangalmay Ho
truly brilliant..
keep writing.....all the best
सुंदर प्रस्तुति....
नवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।जय माता दी ।
पिघलता है पत्थर भी यारा जहांपे
इश्क तो मोम है, वो पिघलके रहेगा
यकीनन ..
बहुत सुन्दर भाव
kya bat hai bahut khub
kabhi yaha bhi aaye
www.deepti09sharma.blogspot.com
nice one :-)
please visit my blog @ avinashsinghballia.blogspot.com
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