यार बचपन का कोई पुराना मिले,
काश गुजरा हुआ वो जमाना मिले
वर्ना दिल के धड़कने का मतलब ही क्या ?
दिल मिला है तो दिल का लगना मिले
मेरी खामोशियों को तू सुन गौर से,
इन मैं मुमकिन है तेरा फ़साना मिले
जब बहाना ही बाकि बचा ना कोई
फ़िर नया कोई कैसे बहाना मिले ?
आरजू हसरते जिस को तडपाये ना,
ऐसा मस्ती भरा दिल दीवाना मिले
ज़ख्मी दिल फूल बन कर महकने लगे
तेरी यादों का मौसम सुहाना मिले
घर तेरा दूर से कब तलक देखे हम,
तेरे घर आने का कुछ बहाना मिल
जानती हु सयानो की बस्ती है ये
कोई तो एक इन बस्ती मैं दीवाना मिले
दुआ है रब से .... जो हमें जमाना मिला
अब किसी को ना ऐसा जमाना मिले ......
पलक
4 comments:
अश्कोंमें जो पाया है वो गीतोंमें दिया है उस पर भी सुना है के जमाने को गिला है
~pearl...
वाह पलक बहुत अच्छा लिखती हो.......मैं चाहता हूं तुम्हे और भी लोग पढें तुम चिठ्ठाजगत से जुडो...........
माफ़ी चाहूंगा स्वास्थ्य ठीक ना रहने के कारण काफी समय से आपसे अलग रहा
अक्षय-मन "मन दर्पण" से
Tumhari panktiyan padh ke lata di ke gaaye is gaane ki yaad aa gayee:
Guzra Hua Zamana, Aata Nahin Dubara.............
Tumhari panktiyan padh ke lata di ke gaaye is gaane ki yaad aa gayee:
Guzra Hua Zamana, Aata Nahin Dubara.............
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