प्यार इबादत है न रूहानी
एहसास और न ही अब खुदा है
बस मुफ्त में जिस्मानी
भूख मिटाने का महज इक सौदा है
कल तक हवश को मिटाने
जाते थे बदनाम बस्तियों में लोग
वो आज हमारी ही बस्तियों
में अब बे -तकल्लुफ मौजूद हैं ...!!!
एहसास और न ही अब खुदा है
बस मुफ्त में जिस्मानी
भूख मिटाने का महज इक सौदा है
कल तक हवश को मिटाने
जाते थे बदनाम बस्तियों में लोग
वो आज हमारी ही बस्तियों
में अब बे -तकल्लुफ मौजूद हैं ...!!!
Some Lines ...which i like the most .. palak **PG**
2 comments:
I think this isnt require a comment....
~Pearl...
agree with u
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