Thursday, July 23, 2009

गुजारिश ...!!



गिनते भी कैसे करू उन बूंदूं की !

जो आंसू की धार बह गए!

हिसाब रख भी लेतें उस वक्त का….

अगर तोलकर मुहोब्बत करना आता हमें!

वोह छोड़ गए इस बात से ज्यादा….

वोह यादें तकलीफ देती है हमें!

वोह वफ़ा के वादें न करते,

तोह बेवफाई से शिकायत न होती!

दिल से चाह था उन्हें,

हर हुक्म को सराहा!

जो की उन्होंने गुजारिश जुदाई की,

तो हम करीब उनके रहते भी कैसे...

PG


2 comments:

Writer said...

you always have beautiful pics attached to your lovely poems!

ओम आर्य said...

बहुत हि सुन्दर भाव को सुन्दर शब्द दिये है आपने .....बहुत ही सुन्दर