Friday, May 15, 2020

तेरे नाम का श्रृंगार करके 
सुहागन की लाल चुनरी ओढ़ के
हाथों में तेरा नाम छूपा के 
आयी हूँ मैं आज 
मेरे बाबुल का आँगन छोड़के|

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