बेटियां तो परियों का रूप होती है …
या कड़कती ठण्ड में सुहानी धूप होती है …
वो होती है उदासी के हर मर्ज़ की दवा की तरह …
या ओस में शीतल हवा की तरह …
वो चिड़ियों की चेहचाहट है , या के निश्छल
खिलकिलाहट है …
वो आँगन में फैला उजाला है ..
या पापा के गुस्से पे लगा ताला है …
वो पहाड़ की चोटी पे सूरज की किरण है …
या ज़िन्दगी सही जीने का आचरण है…......
है वो ताकत जो छोटे से घर को महल बना दे …
है वो काफ़िया जो किसी ग़ज़ल को मुक्कमल कर दे …
वो अक्षर जो न हो तो वर्ण माला अधूरी है …
वो , जो सबसे ज्यादा ज़रूरी है …
ये कह सकते की वो हर वक़्त साथ साथ होती है ,
बेटियाँ तो सिर्फ एक एहसास होती हैं ..
पल
U R My Life My Sweet Angle.. Dattvi...
1 comment:
hey palak.... rply i want to share smthng wid u
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