वो ना आये पर उनकी याद आकर वफ़ा कर गयी, रही तमना हर वक़्त मिलने की मेरे अमन सुकून तबाह कर गयी, दर पर आहट सुनी कई बार सोचा असर दुआ कर गयी, दरवाज़ा खोला तो कोई नहीं था मजाक हमारे साथ हवा कर गयी
ज़िन्दगी में, मिल गया फिर वो, एक रात की बात थी कुछ कह नहीं पाए हम वक़्त की बात थी आँखों से आसू बरसते रहे जस्बात की बात थी कुछ ना कहा कर भी, सब कह गया वोह, अंदाज़ की बात थी .. चाह कर भी ना रोक सके उसे हम, हालत की बात थी वो किसी और का था किस्मत की बात थी यह कहना ना किसी से तुम राज़ की बात है