कभी यूँ भी हुआ है..
मैंने साँस ली और ऐसा लगा तुमने छुआ है,
मैंने साँस ली और ऐसा लगा तुमने छुआ है,
ये साँस ..दिल को लिए भागी,
बावरी कैसी मन की लगन है लगी,
में मुडी पीछे और तुम्हारी बाँहों ने समेट लिया है,
कभी यूँ भी हुआ है..
कभी यूँ भी हुआ है..
में तनहा हुई हूँ और ऐसा लगा तुमने भी कुछ कहा है,
में अपनी खामोशी में यूँ खोई,
ना अपनी ॥ ना ही तुम्हारी सूद कोई,
तुमने खामोशी में भी सब सुन लिया है जैसे ,
कभी यूँ भी हुआ है..
कभी यूँ भी हुआ है...
मेरा प्यार उमड़ पड़ा और ऐसा लगा तुमको भी यु हुआ है,
मैंने धड़कन थामे कह डाली दिल की बात,
फिर बठी थी सोच मैं ...क्या तुम्हारे दिल में भी वोही थे हालत,
तुमने भी एक एहसास में वोह सब कह दिया था कभी ,
बावरी कैसी मन की लगन है लगी,
में मुडी पीछे और तुम्हारी बाँहों ने समेट लिया है,
कभी यूँ भी हुआ है..
कभी यूँ भी हुआ है..
में तनहा हुई हूँ और ऐसा लगा तुमने भी कुछ कहा है,
में अपनी खामोशी में यूँ खोई,
ना अपनी ॥ ना ही तुम्हारी सूद कोई,
तुमने खामोशी में भी सब सुन लिया है जैसे ,
कभी यूँ भी हुआ है..
कभी यूँ भी हुआ है...
मेरा प्यार उमड़ पड़ा और ऐसा लगा तुमको भी यु हुआ है,
मैंने धड़कन थामे कह डाली दिल की बात,
फिर बठी थी सोच मैं ...क्या तुम्हारे दिल में भी वोही थे हालत,
तुमने भी एक एहसास में वोह सब कह दिया था कभी ,
वो आज भी मेरी जिन्दगी है .... वही अल्फाज़ मेरी सांसे है.... मेरे जीने की वजह है...
पलक **PG**