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Lamhay
लम्हे तेरे प्यार के ......
Tuesday, May 21, 2013
तेरे खतों को तेरी अमानत समझ कर बैठे हैं
उनके लव्जों को वादा समजकर बैठे हैं
ये उम्मीद हैं के कभी तो लौट के आएगा तू
तेरे इन्ताज्ज़र मैं इन्हे सिने से लगा कर बैठे हैं
पल
मैं उस के ख्याल से जाऊ तो कहा जाऊ
वो मेरी सोच के हर रास्ते पर नज़र आता हैं
पल
कितनी अजीब हैं मेरे अंदर की तन्हाइया
हजारों अपनो की भीड़ मैं
बस याद तुम ही आते हो.
पल [ pg ]
Monday, May 20, 2013
कभी उल्फत भरा लहजा
कभी उतरा हुआ चेहरा
समज मैं नहीं आता
बता मेरा गुनाह क्या है ..??
मेरी उलझन मिटा दे
मुझे इतना बता तोह दे
मैं मुजरिम हु
या मेहराम हु
मेरी सजा क्या हैं ??
मेरी जज़ा क्या है ??
मेरी सांसे तो चलती हैं
तेरी यादों से ऐ ह्मदम
मेरा दिल
मेरी जान
ये सब कुछ नाम तेरे हैं
बता अब पीछे बचा क्या हैं ..??
पल
कोई खास नहीं .......
कोई तुम से पूछे कौन हु मैं
तुम कह देना कोई खास नहीं
एक दोस्त है कच्ची पक्की सी
एक जूठ है आधा अधुरा सा
एक फूल है रुखा सुख सा
एक सपना है बिन सोचा सा
एक अपना है अनदेखा सा
एक रिश्ता है अंजना सा
हकीकत मैं अफसाना सा
कुछ पगली सी कुछ दिवानी सी
बस एक बहाना अच्छा सा
जीवन की ऐसी संगिनी है
जो
संगिनी
हो कर भी साथ नहीं
तू कह देना कोई खास नहीं
पल
Thursday, May 9, 2013
खयालों मैं जब आता है उस का चेहरा
तो लबो पर अक्सर फ़रियाद आती है
हम भूल जाते है उस के सारे सितम
जब उस की थोड़ी सी महोब्बत याद आती है
पल
Wednesday, May 8, 2013
उस की की आखों मैं महोब्बत की चमक आज भी है…
हालां की उसे मेरी महोब्बत पर शक आज भी है ....
कश्ती मै बैठ कर धोये थे हाथ मैंने कभी उस के साथ .....
पूरे तालाब मैं मेहँदी की महक आज भी हैं ....
....पल….
रुख पर पसीना ..
तेज़ धडकने ..
हल्का सा एहसास - ए - हया ..
हम पर क्या कुछ बीत गया ....
एक तेरा हाथ थामने से ....
पल ....
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तेरे खतों को तेरी अमानत समझ कर बैठे हैं
मैं उस के ख्याल से जाऊ तो कहा जाऊ वो मे...
कितनी अजीब हैं मेरे अंदर की तन्हाइया हजारों ...
कभी उल्फत भरा लहजा कभी उतरा हुआ चे
कोई खास नहीं .......
खयालों मैं जब आता है उस का चेहरा तो लब...
उस की की आखों मैं महोब्बत की चमक आज भी है… ...
रुख पर पसीना .. तेज़ धडकने ..
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